Gairsain में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था की पोल खोलने लोग सड़कों पर उतरे हैं। भारी बारिश का अलर्ट होने के बाद भी जनमानस सरकार को कटघरे में रखकर लचर स्वास्थय व्यवस्था पर जवाब चाहता है। बता दें कि स्थानीय अस्पताल में मूलभूत सुविधाओं के अभाव में एक महिला व नवजात की मौत के बाद आक्रोशित होकर लोग सड़कों पर रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। क्या है पूरा मामला इस आर्टिकल में पढ़िये..
बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का शिकार Gairsain
उत्तराखंड के Gairsain क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति एक बार फिर सामने आई है. हाल ही में एक प्रसूता और उसके नवजात शिशु की उचित इलाज के अभाव में मौत हो जाने के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़क उठा है. यह घटना गैरसैंण की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती है, जहाँ मरीजों, खासकर गर्भवती महिलाओं को, आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस दुखद घटना के बाद से क्षेत्र में सरकार के प्रति भारी रोष व्याप्त है.
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आक्रोश में डूबा Gairsain, सड़कों पर उतरे लोग
माँ और नवजात की मौत के विरोध में Gairsain में शनिवार, 30 अगस्त को लोगों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया. भारी बारिश के बावजूद, हजारों की संख्या में लोग छाता लेकर सड़कों पर उतर आए. महिला मंगल दलों, क्षेत्रीय लोगों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और व्यापारियों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की. Gairsain के रामलीला मैदान से एक विशाल रैली निकाली गई, जिसने मुख्य बाजार से होते हुए तहसील का घेराव किया. लोगों ने स्वास्थ्य मंत्री और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
व्यापार संघ का भी मिला समर्थन
इस आंदोलन को गैरसैंण व्यापार संघ का भी पूरा समर्थन मिला. विरोध प्रदर्शन के प्रति एकजुटता दिखाते हुए, व्यापारियों ने दोपहर 2 बजे तक के लिए अपने प्रतिष्ठान बंद रखे. यह दिखाता है कि इस मुद्दे पर पूरे क्षेत्र में कितना गहरा आक्रोश है और लोग सरकार से तुरंत समाधान की उम्मीद कर रहे हैं. यह घटना केवल एक परिवार का दर्द नहीं, बल्कि पूरे समुदाय की चिंता का विषय बन गई है.
जानिए पूरा मामला
यह दुखद घटना गैरसैंण विकासखंड के दूरस्थ गांव फुलढुंगी (घनियाल) की है. 25 वर्षीय सुशीला देवी को प्रसव पीड़ा होने पर उनके परिजन गैरसैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए थे. यहाँ उन्होंने एक मृत शिशु को जन्म दिया. बच्चे की मौत की खबर सुनते ही सुशीला की हालत बिगड़ने लगी. उन्हें तुरंत हायर सेंटर रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया. सुशीला देवी के पति सेना में हैं और वर्तमान में करगिल में तैनात हैं. इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है.
विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की मांग
स्थानीय लोग इस घटना के बाद एक स्वर में गैरसैंण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उप जिला-चिकित्सालय बनाने और वहाँ जल्द से जल्द विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर यहाँ पर्याप्त और योग्य डॉक्टर होते, तो शायद यह दुखद घटना टाली जा सकती थी. लोगों का यह हुजूम और उनका विरोध यह स्पष्ट संदेश देता है कि वे अब और लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे और सरकार से तत्काल कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं.