UPCL की बोर्ड बैठक: मुख्य सचिव ने दिए विजिलेंस मैकेनिज्म और ERP लागू करने के निर्देश

देहरादून। शुक्रवार को सचिवालय में मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) की 125वीं बोर्ड बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने पावर कॉर्पोरेशनों की दक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया, साथ ही बोर्ड संरचना और प्रोजेक्ट प्रबंधन को लेकर कई अहम निर्देश दिए।

UPCL बोर्ड में तकनीकी एवं वित्तीय विशेषज्ञों को शामिल करने के निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने UPCL के बोर्ड को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने बोर्ड में सचिव वित्त को शामिल करने का निर्देश दिया, ताकि वित्तीय पहलुओं पर बेहतर मार्गदर्शन मिल सके। इसके अतिरिक्त, उन्होंने तकनीकी पृष्ठभूमि के एक व्यक्ति को भी बोर्ड में शामिल किए जाने की आवश्यकता बताई, जिससे तकनीकी निर्णय अधिक सुदृढ़ हो सकें।

बजट प्रक्रिया में तेजी और लागत नियंत्रण पर जोर

वित्तीय प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने के लिए, मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि अगले वित्तीय वर्ष के बजट को फरवरी-मार्च तक अनिवार्य रूप से बोर्ड से स्वीकृत करा लिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रोजेक्ट्स की लागत को लगातार कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए। प्रोजेक्ट्स के लिए सस्ते ऋण प्राप्त करने हेतु वित्त उपलब्ध कराने वाली एजेंसियों से सतत संपर्क बनाए रखने पर भी उन्होंने जोर दिया।

तीनों कार्पोरेशनों में विजिलेंस मैकेनिज्म और ERP लागू होगा

पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने तीनों पावर कार्पोरेशनों (UPCL, UJVNL और PITCUL) में विजिलेंस मैकेनिज्म तैयार किए जाने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सचिव विजिलेंस के साथ बैठक कर यह तंत्र शीघ्र ही विकसित किया जाए।

UPCL को 1 जनवरी, 2026 से एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ERP) सिस्टम लागू करने के निर्देश भी दिए गए हैं, जो कार्यों को डिजिटली एकीकृत करेगा।

त्रैमासिक समीक्षा और तकनीकी प्रयोग पर सतर्कता

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि तीनों कार्पोरेशनों में त्रैमासिक प्रदर्शन की समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाए। उन्होंने कहा कि इससे अल्पकालिक लक्ष्यों पर प्रगति का आकलन होगा और सुधार के क्षेत्रों को चिन्हित कर अगली तिमाही के लिए नए उद्देश्य निर्धारित किए जा सकेंगे।

नई तकनीकों के उपयोग पर जोर देते हुए उन्होंने सतर्कता बरतने की बात कही। उन्होंने निर्देश दिया कि किसी भी नई तकनीक का उपयोग करने से पहले एक या दो स्थानों पर अनिवार्य रूप से प्रयोग कर लिया जाए, ताकि उसके कम सफल या असफल होने पर बड़े नुकसान से बचा जा सके। उन्होंने सभी कार्पोरेशनों को पेशेवर दृष्टिकोण अपनाने और प्रोजेक्ट्स शुरू करने से पहले उनका तकनीकी आर्थिक व्यवहार्यता (Techno-Economic Feasibility) परीक्षण अनिवार्य रूप से कराने की बात भी कही।

बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, स्वतंत्र निदेशक पराग गुप्ता, बी.पी. पाण्डेय, एमडी यूपीसीएल अनिल यादव, एमडी यूजेवीएनएल संदीप सिंघल एवं एमडी पिटकुल पी.सी. ध्यानी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

Advertisement

Alka Tiwari

अलका तिवारी पिछले तकरीबन बीस वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ी हैं। इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ ही अलका तिवारी प्रिंट मीडिया में भी लंबा अनुभव रखती हैं। बदलते दौर में अलका अब डिजिटल मीडिया के साथ हैं और खबरदेवभूमि.कॉम में प्रमुख भूमिका निभाती हैं।

---Advertisement---

Leave a Comment