Uttarakhand Jan Van Mahotsav 2025: उत्तराखंड विधानसभा ने रजत जयंती सत्र में राष्ट्र निर्माण में RSS के योगदान को औपचारिक रूप से स्वीकार कर इतिहास रचा। CM धामी का चिपको आंदोलन पर वक्तव्य और जन वन महोत्सव 2025 के तहत इकोलॉजी-इकोनॉमी के संतुलन पर सरकार की योजनाओं को जानें।
Uttarakhand Jan Van Mahotsav 2025 का भव्य शुभारंभ: प्रकृति संरक्षण और रोजगार सृजन पर धामी सरकार का जोर
उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामनगर में राज्य स्तरीय "Uttarakhand Jan Van Mahotsav 2025" का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रकृति संरक्षण को राज्य की संस्कृति का अभिन्न अंग बताया और कहा कि विकास तभी सार्थक है जब पारिस्थितिकी और आर्थिकी के बीच संतुलन हो। उन्होंने चिपको आंदोलन को महिला शक्ति और पर्यावरण प्रेम का प्रतीक बताते हुए भावी पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने पर बल दिया।
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प्रकृति संरक्षण: देवभूमि की संस्कृति का अभिन्न अंग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने Uttarakhand Jan Van Mahotsav 2025 के दौरान अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि वन्य जीवों का संरक्षण और प्रकृति का संरक्षण उत्तराखंड के लोगों के संस्कारों में निहित है।
- सहअस्तित्व की विचारधारा: मुख्यमंत्री ने Uttarakhand Jan Van Mahotsav 2025 कार्यक्रम के दौरान पूर्वजों द्वारा दी गई मानव और प्रकृति के सहअस्तित्व की विचारधारा को आज भी जीवनशैली का आधार बताया।
- जन वन महोत्सव का उद्देश्य: उन्होंने कहा कि यह महोत्सव जनता और जंगलों के बीच अटूट रिश्ते का प्रतीक है।
- नई पीढ़ी को संदेश: मुख्यमंत्री ने नई पीढ़ी को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने और उसे जीवन का हिस्सा बनाने को समय की मांग बताया।
चिपको आंदोलन: महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण का वैश्विक प्रतीक
मुख्यमंत्री धामी ने Uttarakhand Jan Van Mahotsav 2025 के दौरान वर्ष 1973 के चमोली जिले में हुए ऐतिहासिक चिपको आंदोलन को याद किया, जिसने पूरे विश्व को एक नया संदेश दिया।
- प्रेरणा स्रोत: उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं ने पेड़ों से लिपटकर जो संदेश दिया था, उसने विश्वभर में पर्यावरण संरक्षण की नई दिशा दी।
- तीन प्रतीक: यह आंदोलन महिला सशक्तिकरण, सत्याग्रह और पर्यावरण प्रेम का जीवंत प्रतीक बन गया।
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इकोलॉजी, इकोनॉमी और टेक्नोलॉजी का संतुलन: उत्तराखंड की पहचान
मुख्यमंत्री धामी ने Uttarakhand Jan Van Mahotsav 2025 के कार्यक्रम में बताया कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में 'इकोलॉजी, इकोनॉमी और टेक्नोलॉजी' के संतुलन पर केंद्रित है।
- 25 वर्षों की उपलब्धि: राज्य गठन के 25 वर्षों में उत्तराखंड ने प्रकृति, संस्कृति और विकास का संतुलन बनाए रखते हुए उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
- आधुनिक संरक्षण तकनीक: वन्य जीव संरक्षण के लिए प्रदेश में जीपीएस ट्रैकिंग, ड्रोन सर्विलांस और डॉग स्क्वॉड जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है।
इको-टूरिज्म मॉडल: रोजगार सृजन और आत्मनिर्भरता की राह
स्थानीय आजीविका को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार इको-टूरिज्म मॉडल पर तेजी से काम कर रही है।
- आधुनिक विकास: बिजरानी, गिरिजा और ढिकुली जोन को आधुनिक रूप में विकसित किया गया है, जिससे हजारों ग्रामीणों को प्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त हुआ है।
- कौशल और उद्यम: नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर जैसे वाइल्डलाइफ टूरिज्म आधारित कौशल को उद्यम के रूप में विकसित कर युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
- वन मंत्री का बयान: वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि राज्य सरकार वन एवं वन्य जीव संरक्षण के साथ स्थानीय आजीविका बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप वन्य जीवों की संख्या में वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री द्वारा रामनगर क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण विकास घोषणाएँ
Uttarakhand Jan Van Mahotsav 2025 कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने रामनगर और आसपास के क्षेत्रों के विकास हेतु कई घोषणाएं कीं:
- राजस्व ग्राम का विकास: ग्राम लेती-चोपड़ा को नए राजस्व ग्राम के रूप में विकसित कर मूलभूत सुविधाएँ (पानी, बिजली, शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य) उपलब्ध कराना।
- जल आपूर्ति: ग्राम भलौन में सिंचाई और पेयजल ट्यूबवेल की स्थापना।
- कनेक्टिविटी: तुमड़िया रोड को मालधन से जोड़ना।
- महिला सशक्तिकरण (पर्यटन): पर्यटन सत्र 2025-26 में महिला जिप्सी चालकों के विशेष प्रशिक्षण के बाद शेष पंजीकरण पूर्ण किए जाना।
- पर्यटन प्रोत्साहन: नगर वन में लाइट एंड साउंड शो शीघ्र प्रारंभ करना तथा रामनगर में सामुदायिक सोवेनियर शॉप का निर्माण कर स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देना।
मुख्यमंत्री ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत पौधा रोपित किया और विभिन्न विद्यालयों के बच्चों द्वारा तैयार की गई चित्रकला एवं कलाकृतियों का अवलोकन कर उनकी रचनात्मकता की सराहना की।



