Dehradun news : देहरादून में हाथी का हमला, मां-बाप के बीच से बच्चे को खींचा, पटक कर मारा, भयावह हादसे से पसरा मातम

देहरादून में आपने शायद ही आज से पहले हाथी के हमले की ऐसी भयावह घटना सुनी होगी। देहरादून के कालू सिद्ध मंदिर के करीब एक हाथी ने एक बच्चे को उसके मां-बाप के सामने ही पटक कर मौत के घाट उतार दिया। हाथी ने स्कूटी से जा रहे मां-बाप के बीच में बैठे बेटे को खींचा और पटक कर मार डाला।

देहरादून में हाथी का ऐसा हमला पहले नहीं सुना

देहरादून के बाहरी इलाकों में हाथियों के हमले की खबरें आती रहती हैं लेकिन जिस तरह से हाथी ने इस बार हमला किया ऐसा पहले कभी सुना नहीं गया। बताया जा रहा है कि शाम चार बजे के आसपास थानो फॉरेस्ट रेंज के कोठारी मोहल्ला के रहने वाले कमल थापा अपनी पत्नी नीलम और 12 साल के बेटे कुणाल के साथ अपनी स्कूटी से कालू सिद्ध मंदिर के करीब से घर की ओर लौट रहे थे। इसी दौरान एक मोड़ पर जैसे ही उन्होंने टर्न लिया उनके सामने हाथी आ गया। जबतक कमल कुछ समझ पाते इतने में हाथी ने हमला कर दिया और स्कूटी पर मां-बाप के बीच बैठे कुणाल को अपनी सूंड से खींच कर गिरा दिया। इसके बाद हाथी ने कुणाल को पटक कर वहीं मार दिया। कमल और नीलम इस अचानक हुए हमले से स्तब्ध रह गए और चाह कर भी अपने बेटे को बचाने के लिए कुछ नहीं कर पाए।

पत्नी का दुपट्टा जलाया तब भागा हाथी, फिर उठा पाए बेटे को

हमले के बाद भी हाथी वहां से हटने को तैयार नहीं था। कमल और नीलम ने लाख कोशिश की लेकिन जब हाथी वहां से नहीं हटा तो आखिरकार कमल ने अपनी पत्नी नीलम का दुपट्टा लिया और माचिस से उसे जला दिया। इसके बाद आसपास की घासफूस भी रखी और आग को थोड़ा और बढ़ाया। इसके बाद हाथी वहां से वापस जंगल में लौटा। हाथी जब जंगल में लौट गया उसके बाद कमल और नीलम अपने बेटे को उठाकर अस्पताल पहुंचे। लेकिन वहां डाक्टरों ने जवाब दे दिया। डाक्टरों ने कुणाल को मृत घोषित कर दिया।

12 साल से करा रहे थे इलाज, ठीक होने लगा तो होनी ने छीना

बताते हैं कि कमल और नीलम का बेटा कुणाल मानसिक रूप से कुछ बीमार था। स्कूल में बच्चों से कम बोलता, गुमसुम रहता। इसी वजह से कमल अपने बेटे का बचपन से ही इलाज करा रहे थे। लगातार चल रहे इलाज के बाद अब बेटा ठीक होने लगा था। स्कूल में भी उसका व्यवहार सामान्य बच्चों की तरह होने लगा था। लेकिन शायद होनी को कुछ और ही मंजूर था।

शार्टकट लेना पड़ गया भारी

बताया जा रहा है कमल और नीलम अपने बेटे कुणाल को लेकर घर लौट रहे थे। अगल वो हाईवे से जाते तो उन्हे लंबा रास्ता तय करना पड़ता। इसीलिए उन्होंने तकरीबन आठ किलोमीटर की दूरी कम नापने के उद्देश्य से कालू सिद्ध मंदिर वाली सड़क लेने का फैसला लिया। इससे उनका घर बेहद कम दूरी पर पड़ता है। यही शार्टकट लेना उन्हे जिंदगी भर के लिए भारी पड़ गया। अचानक मोड़ पर आए हाथी ने उनके बच्चे की जान ले ली।

Alka Tiwari

अलका तिवारी पिछले तकरीबन बीस वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ी हैं। इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ ही अलका तिवारी प्रिंट मीडिया में भी लंबा अनुभव रखती हैं। बदलते दौर में अलका अब डिजिटल मीडिया के साथ हैं और खबरदेवभूमि.कॉम में प्रमुख भूमिका निभाती हैं।

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