यूं तो उत्तराखंड पुलिस अपने आप को मित्र पुलिस के तौर पर पेश करती है। उत्तराखंड पुलिस के तमाम अधिकारी अपने मातहतों को इसी 'मित्र पुलिस' वाली लाइन पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। लेकिन इसी उत्तराखंड में तैनात रहे एक पूर्व आईपीएस ने एक ऐसी हरकत कर दी है जिसने समूची खाकी को दागदार कर दिया है। पूरी पुलिस फोर्स पर उसने सवाल उठा दिए हैं।
लोकेश्वर सिंह ने ग्यारह साल दी अपनी सेवाएं
दरअसल ये दास्तान है उत्तराखंड में तैनात पूर्व आईपीएस लोकेश्वर (IPS Lokeshwar Singh) सिंह की। युवा आईपीएस लोकेश्वर सिंह उत्तराखंड के पुलिस महकमें में काफी चर्चित अफसरों में शुमार रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के रहने वाले लोकेश्वर सिंह ने बतौर आईपीएस उत्तराखंड में ग्यारह साल अपनी सेवाएं दीं। इस दौरान वो अलग अलग जिलों में पुलिस कप्तान के तौर पर नियुक्त रहे। उनके सख्त रवैए और सीधा सपाट व्यवहार हमेशा चर्चाओं में रहा। यहां तक विभाग में भी उनके कामकाज के तरीके की खूब चर्चाएं होती रहती थीं। पुलिस सेवा के ग्यारह साल पूरे करने के बाद लोकेश्वर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा भेज दिया और संयुक्त राष्ट्र में सेवाएं देने चले गए।
व्यापारी को नंगा करके पीटा, अंग्रेजों जैसा अत्याचार !
लोकेश्वर सिंह यूं तो राज्य के कई जिलों में पुलिस कप्तान के तौर पर रहे लेकिन जिस जिले में उन पर दाग लगा वो है पिथौरागढ़। दरअसल ये वाक्या दो साल पुराना है। उस वक्त लोकेश्वर सिंह पिथौरागढ़ के एसपी हुआ करते थे। साल 2023 की छह फरवरी को लोकेश्वर सिंह के दफ्तर में एक स्थानीय आरटीआई कार्यकर्ता और कपड़ों के व्यापारी लक्ष्मी दत्त जोशी पुलिस लाइंस परिसर के बाहर फैली गंदगी के बारे में बात करने पहुंचते हैं। आरोप हैं कि एसपी साहब यानी लोकेश्वर सिंह को पुलिस लाइंस के बाहर गंदगी की शिकायत चुभ गई। ये शिकायत इतनी चुभी कि लोकेश्वर सिंह के भीतर अंग्रेजों के जमाने वाला ‘पुलिसवाला’ जाग गया। लोकेश्वर सिंह आरटीआई कार्यकर्ता लक्ष्मी दत्त को अपने दफ्तर के पास बने एक कमरे में लेकर जाते हैं। ये ऐसा कमरा था जिसमें कोई सीसीटीवी नहीं था और वो किसी अन्य सीसीटीवी कैमरे की जद में भी नहीं आ रहा था। लक्ष्मी दत्त के आरोपों के मुताबिक लोकेश्वर सिंह ने उसे उस कमरे में बुलाने के बाद उनके कपड़े उतरवा दिए। इसके बाद लोकेश्वर सिंह ने लक्ष्मी दत्त की जमकर पिटाई की। यही नहीं छह अन्य पुलिसकर्मियों पर भी पिटाई का आरोप लगा। पिटाई के बाद लक्ष्मी दत्त को ये बात बाहर कहीं न कहने के लिए भी कहा गया। ऐसा न करने पर झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी भी दी गई।
पिटाई नहीं तोड़ पाई हौसला, दर्ज कराई शिकायत
पिटाई से टूट चुके लक्ष्मी दत्त का साहस नहीं टूटा था। वो लोकेश्वर सिंह के इस अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए तैयार थे। लक्ष्मी दत्त तुरंत ही सरकारी अस्पताल पहुंच गए और अपना मेडिकल कराया। मेडिकल में चोटों की पुष्टि हुई। एक्स रे रिपोर्ट भी तैयार हुई। इसी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर लक्ष्मी दत्त ने पुलिस शिकायत प्राधिकरण में शिकायत दर्ज कराई।
तीन एफिडेविट वो भी विरोधाभाषी, खुद कभी आए नहीं
पुलिस शिकायत प्राधिकरण ने इस मसले पर सुनवाई शुरू की। सुनवाई के लिए लोकेश्वर सिंह को भी बुलावा भेजा गया लेकिन वो सशरीर वहां नहीं पहुंचे। बल्कि उन्होंने शपथ पत्र के साथ अपना बयान दर्ज करा दिया। लोकेश्वर सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया। दो साल तक चले इस केस में लोकेश्वर सिंह एक बार भी प्राधिकरण के सामने नहीं पहुंचे। इस दौरान उन्होंने तीन एफिडेविट दिए। प्राधिकरण की जांच में पता चला कि तीनों ही एफिडेविट अलग अलग और एक दूसरे के विरोधाभासी थे। यहीं से लोकेश्वर सिंह पर शिकंजा कसने लगा। वो अपने ही जाल में फंसने लगे। यहां तक कि उनके समर्थन में दो स्थानीय जिन्हे पत्रकार बताया जा रहा है उनके शपथ पत्र भी प्राधिकरण की जांच में खरे नहीं उतरे। दोनों में ही एक जैसी भाषा मिली। इसे प्राधिकरण ने पकड़ लिया। लक्ष्मी दत्त ने प्राधिकरण से पहले इसकी शिकायत स्थानीय कोतवाली में भी की थी। प्राधिकरण ने कोतवाली और एसपी दफ्तर की सीसीटीवी फुटेज मांगी। कोतवाली से सीसीटीवी फुटेज मिल गई लेकिन एसपी दफ्तर से सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं कराई गई। इसके बाद प्राधिकरण ने अपना 12 पन्नों का फैसला जारी किया। इस फैसले में लोकेश्वर सिंह दोषी करार दिए गए।
कैसे होगी कार्रवाई, छोड़ चुके हैं नौकरी ?
इस केस की सुनावाई के बाद पुलिस शिकायत प्राधिकरण ने लोकेश्वर सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। राज्य के गृह विभाग को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। हालांकि यहां एक बड़ा सवाल ये है कि ये कार्रवाई होगी कैसे क्योंकि लोकेश्वर सिंह तो पुलिस सेवा से इस्तीफा दे चुके हैं और संयुक्त राष्ट्र से जुड़े एक संगठन में कार्य कर रहे हैं।
पिटाई के आरोपी अब शांति स्थापना के काम में लगे !
दरअसल 2014 बैच के आईपीएस लोकेश्वर सिंह ने हाल ही में पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध एक संगठन को ज्वाइन किया। इस संगठन में लोकेश्वर सिंह शांति स्थापना, संस्थागत अखंडता और सतत विकास जैसे ग्लोबल उद्देश्यों के लिए काम कर रहे हैं। सुनने में ये हैरानी भरा लग सकता है कि लेकिन सच यही है कि मानवाधिकार उल्लंघन का दोषी अफसर अब दुनिया में शांति स्थापना जैसे काम कर रहा है।




1 thought on “उत्तराखंड का वो पूर्व IPS जिसने व्यापारी को नंगा कर पीटा, नौकरी छोड़ने के बाद दोषी करार, कैसे होगी कार्रवाई ?”