भारी बारिश के कारण देहरादून-मसूरी राजमार्ग पर शिव मंदिर के पास पुल टूट जाने से यातायात बाधित हो गया था, जिससे कई पर्यटक और स्थानीय लोग फंस गए थे। हालांकि, लोक निर्माण विभाग (PWD) ने रिकॉर्ड समय में एक बेली ब्रिज का निर्माण कर दिया है, जिससे अब छोटे वाहनों के लिए मार्ग खोल दिया गया है। इससे फंसे हुए लोगों को बड़ी राहत मिली है।
युद्धस्तर पर चला बेली ब्रिज का निर्माण कार्य
जब पुल ढह गया, तो जिलाधिकारी सविन बंसल ने अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मसूरी मार्ग एक महत्वपूर्ण मार्ग है और इसे जल्द से जल्द बहाल किया जाना चाहिए। इसके बाद, लोनिवि की टीम ने ऋषिकेश से लाए गए बेली ब्रिज को स्थापित करने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू किया। मंगलवार की देर रात शुरू हुआ यह काम बुधवार की देर रात तक पूरा हो गया।
क्यों बना बेली ब्रिज?
बेली ब्रिज एक प्रकार का अस्थायी और पोर्टेबल पुल होता है, जिसे विशेष रूप से आपातकालीन स्थितियों में जल्दी से स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। चूंकि मुख्य पुल पूरी तरह से टूट चुका था और एक नया पुल बनाने में काफी समय लगता, ऐसे में बेली ब्रिज सबसे तेज़ और सबसे प्रभावी समाधान साबित हुआ।
पर्यटकों और स्थानीय लोगों को मिली राहत
पुल टूटने के बाद, कई पर्यटक मसूरी में ही फंस गए थे। इसके अलावा, स्थानीय लोगों के लिए भी दैनिक आवागमन बहुत मुश्किल हो गया था। बेली ब्रिज के शुरू होने से अब छोटे वाहन आसानी से आ-जा सकते हैं, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है।
जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण
निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लेने के लिए बुधवार शाम को जिलाधिकारी सविन बंसल स्वयं मसूरी रोड पर पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया और कहा कि यातायात को जल्द से जल्द बहाल करना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
अब होगी नए पुल की शुरुआत
बेली ब्रिज भले ही अस्थायी समाधान है, लेकिन इसने तुरंत यातायात को सुचारु कर दिया है। अब लोनिवि बेली ब्रिज के नीचे से एक नए स्थायी पुल के निर्माण की योजना बनाएगा। इस नए पुल के बनने के बाद, मसूरी मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से सामान्य हो जाएगा और भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सकेगा।