Chandra Grahan 2025: इस साल का चंद्र ग्रहण धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भाद्रपद की पूर्णिमा को, यानी रविवार, 7 सितंबर 2025 को पड़ रहा है। इस दिन ग्रहण के साथ-साथ रविवार का संयोग बन रहा है, जिससे तुलसी से जुड़े कुछ विशेष नियमों का पालन करना अनिवार्य हो जाता है। इस आर्टिकल में जानिये चंद्रग्रहण की तिथि, समय और तुलसी से जुड़े जरूरी नियम।
चंद्र ग्रहण 2025: तिथि, समय और तुलसी से जुड़े जरूरी नियम
1. Chandra Grahan काल में तुलसी का महत्व
हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को एक अशुभ समय माना जाता है। नकारात्मक ऊर्जा और दुष्प्रभावों से भोजन और पानी को बचाने के लिए इनमें तुलसी की पत्तियां डालने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी में दैवीय गुण होते हैं, जो Chandra Grahan के नकारात्मक प्रभावों से खाद्य पदार्थों की रक्षा करते हैं।
2. ग्रहण और रविवार: तुलसी को न करें स्पर्श
Chandra Grahan के दौरान तुलसी के पौधे को छूना या पूजा करना वर्जित माना जाता है। संयोगवश, यह चंद्र ग्रहण रविवार को है, और शास्त्रों के अनुसार रविवार को भी तुलसी के पत्ते तोड़ना या पौधे को स्पर्श करना मना होता है। यह विशेष स्थिति धार्मिक नियमों के पालन को और भी महत्वपूर्ण बना देती है।
3. शनिवार को ही करें आवश्यक तैयारी
चूंकि ग्रहण के दिन और रविवार को तुलसी को स्पर्श करना वर्जित है, इसलिए ग्रहण के लिए जरूरी तुलसी की पत्तियां शनिवार, 6 सितंबर 2025 को ही तोड़कर रख लें। इन पत्तियों को धोकर किसी साफ कपड़े में लपेटकर सुरक्षित रखा जा सकता है। ग्रहण के दौरान इन्हीं पत्तियों का इस्तेमाल भोजन और जल को शुद्ध रखने के लिए किया जा सकता है।
4. शास्त्रीय प्रमाण: तुलसी तोड़ने के नियम
पद्मपुराण में तुलसी के पत्ते तोड़ने के संबंध में स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। श्लोक के अनुसार, “शाम के समय, रविवार को, संक्रांति के दिन, और द्वादशी तिथि में तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित होता है।” इन नियमों का पालन न करने पर धार्मिक दोष और पुण्य में कमी आ सकती है।
5. गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानी
ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, उन्हें ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और किसी भी नुकीली या तेज वस्तु का उपयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इन सावधानियों से गर्भस्थ शिशु पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों को रोका जा सकता है।
6. ग्रहण के बाद क्या करें?
Chandra Grahan समाप्त होने के बाद, सभी लोगों को स्नान करके खुद को शुद्ध करना चाहिए। इसके बाद, घर की साफ-सफाई करें और ताजे जल से पूजा करें। ग्रहण से पहले रखे गए भोजन और पानी में से तुलसी की पत्तियां निकालकर उनका सेवन किया जा सकता है।
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कब लगेगा 2025 का Chandra Grahan ?
इस साल भाद्रपद की पूर्णिमा को, यानी 7 सितंबर 2025 को एक पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा। ग्रहण का समय इस प्रकार है:
- ग्रहण शुरू: रात 09:58 बजे
- ग्रहण समाप्त: देर रात 01:26 बजे
- सूतक काल: दोपहर 12:58 बजे से
सूतक काल के दौरान सभी धार्मिक कार्यों पर रोक लग जाती है।
ग्रहण के समय तुलसी के नियम
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के अशुभ प्रभावों से भोजन और पानी को बचाने के लिए उनमें तुलसी के पत्ते डाले जाते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से खाद्य पदार्थ दूषित नहीं होते और ग्रहण के बाद उनका सेवन किया जा सकता है।
रविवार को क्यों न तोड़ें तुलसी के पत्ते?
यह Chandra Grahan रविवार के दिन पड़ रहा है। शास्त्रों के अनुसार, रविवार को तुलसी के पौधे को स्पर्श करना या पत्ते तोड़ना वर्जित माना जाता है। साथ ही, ग्रहण काल में भी तुलसी का स्पर्श नहीं करना चाहिए। पद्मपुराण में एक श्लोक है जिसका अर्थ है कि शाम के समय, रविवार, संक्रांति और द्वादशी को तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
इसलिए, इस बार आप ग्रहण में इस्तेमाल करने के लिए शनिवार, 6 सितंबर को ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख सकते हैं। उन्हें धोकर एक साफ कपड़े में लपेटकर रखने से कोई दोष नहीं लगेगा।
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