पिथौरागढ़: CM Dhami ने किया सहकारिता मेले का शुभारंभ, पिथौरागढ़ को ₹85.14 करोड़ का तोहफा

CM Dhami ने बुधवार को “अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025” के उपलक्ष्य में पिथौरागढ़ में आयोजित सहकारिता मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर CM Dhami ने जनपद की 85.14 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया, जिसमें 23.16 करोड़ रुपये की लागत के शिलान्यास और 61.98 करोड़ रुपये के लोकार्पण कार्य शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रदेश की सहकारिता क्षेत्र में उपलब्धियाँ और भविष्य की योजनाएँ भी साझा कीं।

सहकारिता से आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त-CM Dhami

CM Dhami ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि लोकार्पित और शिलान्यास की गई योजनाएँ पिथौरागढ़ के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होंगी। CM Dhami ने सहकारिता की परंपरा को भारत में प्राचीन बताते हुए कहा कि यह परस्पर सहयोग द्वारा स्वावलंबी बनाने का प्रयास है।

“अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025”

संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2025 को “अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष” घोषित किया है, जिसका उद्देश्य वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देकर सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करना है।

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सहकारिता मंत्रालय और “सहकार से समृद्धि”

  • देश में “सहकार से समृद्धि” के स्वप्न को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अलग सहकारिता मंत्रालय के गठन का निर्णय लिया।
  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में यह मंत्रालय देश में सहकारिता आंदोलन को सशक्त बनाने के लिए एक अलग प्रशासनिक, कानूनी और नीतिगत ढांचा तैयार कर रहा है।

सहकारिता क्षेत्र में उत्तराखंड की प्रमुख उपलब्धियाँ

CM Dhami ने कहा कि उत्तराखंड सहकारिता के माध्यम से आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है:

  • कंप्यूटरीकरण: देश में बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण का कार्य उत्तराखंड से प्रारंभ हुआ था, और आज प्रदेश की सभी 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूर्ण हो चुका है।
  • जन औषधि केंद्र: राज्य की 24 समितियाँ जन औषधि केंद्र के रूप में कार्य कर रही हैं, जो ग्रामीण जनता को सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ उपलब्ध करा रही हैं।
  • कॉमन सर्विस सेंटर: 640 समितियों को कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया गया है।
  • राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस: राज्य की 3838 समितियों का डेटा राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस पर अपलोड हो चुका है।
  • नई समितियों का गठन: फरवरी 2023 से अब तक 800 नई पैक्स, 248 नई डेयरी समितियाँ एवं 116 मत्स्य समितियाँ गठित की गई हैं।

किसानों और ग्रामीण जनता के लिए प्रमुख योजनाएँ

  • मिलेट मिशन योजना: उत्तराखंड सहकारी संघ द्वारा किसानों को अधिक लाभ पहुँचाने के लिए इस वर्ष मण्डुवा की खरीद 48.86 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से की जा रही है।
  • दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना: इस योजना के तहत किसानों और स्वयं सहायता समूहों को पशुपालन, दुग्ध व्यवसाय, मछली पालन और फूलों की खेती जैसे कृषि कार्यों हेतु 5 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण दिया जा रहा है।
  • ब्याजमुक्त फसली ऋण: सहकारी समितियों के माध्यम से लघु एवं सीमांत किसानों को 1 लाख रुपये का ब्याजमुक्त फसली ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • बढ़ता भरोसा: प्रदेश के सहकारी बैंकों में आज 16 हजार करोड़ रुपये से अधिक की जमापूंजी है, जो इन संस्थाओं के प्रति जनता के बढ़ते भरोसे का प्रमाण है।
  • महिला सशक्तिकरण (लखपति दीदी): सहकारी समितियों के माध्यम से महिला उद्यमिता को भी प्रोत्साहन मिल रहा है, जिसमें प्रदेश की 1 लाख 70 हजार से अधिक बहनों ने “लखपति दीदी” बनकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में नया इतिहास रचा है।

पिथौरागढ़ में गतिमान प्रमुख विकास कार्य

CM Dhami ने बताया कि पिथौरागढ़ में अनेक बड़े विकास कार्य गतिमान हैं:

  • मेडिकल कॉलेज: 750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से मेडिकल कॉलेज के भवन का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
  • स्पोर्ट्स कॉलेज: 34 करोड़ रुपये की लागत से स्पोर्ट्स कॉलेज में आधुनिक मल्टीपर्पज हॉल का निर्माण कराया जा रहा है।
  • स्टेडियम और बस स्टेशन: विकासखंड बेरीनाग में एक भव्य स्टेडियम का निर्माण कार्य भी प्रारंभ होने वाला है। अस्कोट, गंगोलीहाट और धारचूला में नए बस स्टेशनों के निर्माण के साथ ही पिथौरागढ़ में रोडवेज वर्कशॉप का निर्माण भी कराया जा रहा है।
  • सड़क और कनेक्टिविटी: क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 327 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न सड़कों का निर्माण कार्य गतिमान है।
  • हवाई संपर्क: पिथौरागढ़ को हल्द्वानी, देहरादून और दिल्ली से हवाई सेवा द्वारा जोड़ा गया है। पिथौरागढ़ हवाई अड्डे को 450 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक स्वरूप में विकसित करने का कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।

Alka Tiwari

अलका तिवारी पिछले तकरीबन बीस वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ी हैं। इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ ही अलका तिवारी प्रिंट मीडिया में भी लंबा अनुभव रखती हैं। बदलते दौर में अलका अब डिजिटल मीडिया के साथ हैं और खबरदेवभूमि.कॉम में प्रमुख भूमिका निभाती हैं।

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