देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त आदेशों के बाद उत्तराखंड में मिलावटी मावा (Milavati Mava) और अन्य खाद्य पदार्थों के खिलाफ ऐतिहासिक कार्रवाई जारी है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि त्योहारों के दौरान आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले मिलावटखोरों को बिल्कुल भी बख्शा नहीं जाएगा। इस ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत, खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमों ने ताबड़तोड़ छापेमारी की है, जिसके केंद्र में बाहरी राज्यों से आ रहे मिलावटी मावा की सप्लाई चेन को तोड़ना है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार के निर्देशों पर, अपर आयुक्त खाद्य सुरक्षा ताजबर सिंह जग्गी के नेतृत्व में यह व्यापक अभियान राज्यभर में चलाया जा रहा है।
₹5 लाख का ‘मिलावटी मावा’ (Milavati Mava) जब्त: अमानतगढ़ में सबसे बड़ी कार्रवाई
मिलावटी मावा (Milavati Mava) के बड़े रैकेट पर नकेल कसते हुए, खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने थाना बुग्गावाला क्षेत्र स्थित पुलिस चौकी अमानतगढ़ में बड़ी सफलता हासिल की।
- बड़ी बरामदगी: मुज़फ्फरनगर से देहरादून की ओर आ रही एक महिंद्रा एसयूवी-500 को रोककर तलाशी ली गई, जिसमें लगभग 900 किलो (10 क्विंटल) मिलावटी मावा (Milavati Mava)बरामद किया गया।
- बाजार मूल्य: जब्त किए गए इस मावा (Milavati Mava) की अनुमानित कीमत लगभग ₹5 लाख आंकी गई है।
- आगे की कार्रवाई: मावा के नमूने जांच के लिए रुद्रपुर प्रयोगशाला भेजे गए हैं। चालक और मावा के मालिक (मुज़फ्फरनगर निवासी) से पूछताछ जारी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर FSSAI एक्ट के तहत कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
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रुड़की में अनियंत्रित ‘मिलावटी मावा सप्लाई’ पर एक्शन
मिलावटी मावा की सप्लाई पर लगाम लगाते हुए, रुड़की क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण कार्रवाई हुई। वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी महिमानंद जोशी के नेतृत्व में टीम ने दिल्ली से आ रहे एक वाहन को रोका, जिसमें लगभग 10 लीटर मावा बरामद हुआ।
- परिवहन नियमों का उल्लंघन: वाहन में मावा को सुरक्षित रखने के लिए न तो तापमान नियंत्रण प्रणाली थी, और न ही परिवहन का लाइसेंस।
- नष्ट किया गया: मावा अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों में तैयार किया गया पाया गया, जिसे मौके पर ही नष्ट कर दिया गया।
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सीमावर्ती जिलों पर विशेष निगरानी: ‘नकली मावा’ पर रोक
मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों पर, राज्य की सीमाओं पर विशेष चौकसी बढ़ा दी गई है ताकि बाहरी राज्यों से नकली मावा और अन्य मिलावटी उत्पाद उत्तराखंड में प्रवेश न कर सकें।
- फोकस जोन: देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर और नैनीताल जैसे सीमावर्ती जिलों में स्पेशल टास्क फोर्स की तर्ज पर निगरानी दल गठित किए गए हैं।
- दैनिक रिपोर्टिंग: प्रत्येक जिले से अभियान की रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी ताकि आवश्यकतानुसार जांच का दायरा बढ़ाया जा सके।
देहरादून में Milavati Mava के 10 नमूने प्रयोगशाला भेजे गए
दीपावली से पहले शुद्ध खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, देहरादून में सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा मनीष सयाना के नेतृत्व में हर्रावाला, मोहकमपुर, हरिद्वार रोड और सहसपुर क्षेत्र में निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान, विभिन्न प्रतिष्ठानों से कलाकंद, घी और दुग्ध उत्पादों के कुल 10 नमूने जांच हेतु खाद्य विश्लेषणशाला भेजे गए हैं।
उपभोक्ताओं से अपील: ‘मिलावटी मावा’ से बचें
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपनी सेहत के साथ कोई समझौता न करें। “सस्ती मिठाइयों और खुले मावे से बचें। मिठाई खरीदते समय ब्रांड, पैकिंग और एक्सपायरी डेट अवश्य जांचें। किसी भी संदिग्ध खाद्य वस्तु की सूचना तुरंत विभाग को दें।” सरकार का स्पष्ट संदेश है कि त्योहारों पर मिलावटी मावा (Milavati Mava) बेचकर पैसा कमाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उनकी संपत्ति जब्त करने तक के प्रावधानों पर विचार किया जा सकता है। यह अभियान दीपावली तक निरंतर जारी रहेगा।