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यूपीसीएल के एमडी अनिल यादव को सेवा विस्तार पर सरकार घिरी, कांग्रेस ने उठाए सवाल

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने उत्तराखंड सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। सूर्यकांत धस्माना ने कहा है कि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार अपने चरम पर पहुंच गया है और भ्रष्टाचारी अधिकारियों को भाजपा सरकार का पूरा संरक्षण है इसीलिए राज्य की भाजपा सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं कर रही है।

यूपीसीएल के एमडी को सेवा विस्तार क्यों

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के एम डी अनिल यादव को दूसरी बार सेवा विस्तार देना राज्य में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को दर्शाता है। धस्माना ने कहा कि जिस अधिकारी के ऊपर आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच रिपोर्ट लंबित हो उसे दूसरी बार सेवा विस्तार दे देना वह भी दो वर्ष के लिए अपने आप में इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि राज्य की भाजपा सरकार के लिए भ्रष्टाचार कोई बड़ा मुद्दा नहीं है और इसीलिए सरकार किसी ना किसी बहाने राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति को लगातार टालती आ रही है।

धस्माना ने कहा कि राज्य में ऊर्जा विभाग के मंत्री स्वयं मुख्य मंत्री हैं और उनकी बिना सहमति व अनुमति के यूपीसीएल जैसे महत्वपूर्ण विभाग के एमडी का सेवा विस्तार संभव नहीं है । ऐसे में सरकार को यह भी जनता को बताना चाहिए कि अनिल यादव ने अपने एमडी के कार्यकाल में ऐसा कौन सा उपलब्धि वाला या जनता को राहत देने वाला कम किया है जो उनको बार बार सेवा विस्तार का इनाम दिया जा रहा है।

कांग्रेस ने सरकार से पूछे सवाल

सूर्यकांत धस्माना ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से दो सवाल पूछे हैं – पहला ये कि राज्य में लोकायुक्त कब नियुक्त होगा और दूसरा अनिल यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच सार्वजनिक कब होगी और बिना उस जांच के नतीजे के अनिल यादव को दो साल का सेवा विस्तार किस आधार पर दिया गया।

बॉबी पंवार मामले में निष्पक्ष जांच जरूरी

सूर्यकांत धस्माना से जब यह सवाल किया गया कि राज्य सचिवालय में ऊर्जा सचिव से बेरोजगार संघ के अध्यक्ष के साथ विवाद में कांग्रेस का क्या स्टैंड है तो उन्होंने कहा कि, इस संबंध में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जो भी पक्ष दोषी हो उसके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए किंतु कांग्रेस किसी के विरुद्ध भी एक तरफा कार्यवाही के पक्ष में नहीं है दोनों पक्षों की शिकायत की जांच होनी चाहिए और तत्पश्चात कार्यवाही हो।उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी बात मर्यादा में रहते हुए कहने का अधिकार है।

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