उत्तराखंड (देहरादून): देवभूमि उत्तराखंड की पावन वादियों में स्थित ‘लेखक गाँव’ आगामी 3 से 5 नवम्बर, 2025 तक एक ऐतिहासिक अंतरराष्ट्रीय आयोजन, स्पर्श हिमालय महोत्सव-2025 का केंद्र बनने जा रहा है। यह त्रि-दिवसीय महोत्सव भारतीय साहित्य, संस्कृति, कला और हिंदी भाषा के वैश्विक प्रसार को समर्पित होगा, जिसमें 60 से अधिक देशों के साहित्यकार, कलाकार, शिक्षाविद, पर्यावरणविद् और युवा रचनाकार भाग लेंगे।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारत सरकार में पूर्व शिक्षा मंत्री, तथा लेखक गाँव के संरक्षक डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के संरक्षण एवं स्पर्श हिमालय फाउंडेशन के तत्वावधान में यह आयोजन संपन्न होगा। डॉ. निशंक ने इसे भारत की आत्मा, संस्कृति और सृजन का वैश्विक उत्सव बताया।
उद्घाटन सत्र: भारतीयता का वैश्विक विस्तार (3 नवम्बर, 2025)
महोत्सव का भव्य उद्घाटन 3 नवम्बर, 2025 को कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा किया जाएगा।
- विषय: “भारतीय साहित्य, संस्कृति और कला का वैश्विक विस्तार”।
- कला एवं संस्कृति: सुप्रसिद्ध गायक पद्मश्री कैलाश खेर सहित अनेक विभूतियां कार्यक्रम में अपनी मनमोहक प्रस्तुतियाँ देंगी।
- विज्ञान और प्रकृति का संगम: इसी शाम नैनीताल स्थित आर्यभट्ट प्रेक्षण एवं अनुसंधान विज्ञान संस्थान (ARIES) द्वारा विशेष NIGHT WATCH का आयोजन होगा, जहाँ प्रतिभागी हिमालय की गोद में तारामंडल के अद्भुत नजारों का आनंद लेंगे।
द्वितीय दिवस: हिंदी को विश्वभाषा बनाने का संकल्प (4 नवम्बर, 2025)
द्वितीय दिवस पर मॉरीशस के पूर्व राष्ट्रपति महामहिम पृथ्वीराज सिंह रूपन (GCSK), केंद्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तथा केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति रहेगी।
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- मुख्य विषय: “हिंदी को विश्वभाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने का संकल्प”, “भारतीयता का सांस्कृतिक दर्शन” और “नवोदित लेखकों की नई दृष्टि”।
- युवा मंच: युवा रचनाकारों को अपनी प्रतिभा प्रस्तुत करने के लिए विशेष मंच प्रदान किया जाएगा।
- सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ: शाम को दून सांस्कृतिक स्कूल, झाझरा (देहरादून) के आदिवासी छात्र-छात्राएँ लोकनृत्य और पारंपरिक गीतों की प्रस्तुति देंगे, जिसके बाद स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय, देहरादून के नाट्य विभाग द्वारा एक उत्कृष्ट नाट्य प्रस्तुति दी जाएगी।
समापन एवं सम्मान समारोह (5 नवम्बर, 2025)
महोत्सव का समापन 5 नवम्बर, 2025 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) की गरिमामयी उपस्थिति में होगा।
- सम्मान: साहित्य, संस्कृति, शिक्षा, पर्यावरण और कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाली विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा।
- कला सत्र: समापन दिवस पर आयोजित कला सत्र में पद्मभूषण सुप्रसिद्ध चित्रकार जतीन दास, ख्यात छायाकार त्रिलोक कपूर और बहुआयामी कलाकार आदित्य नारायण अपनी सृजनात्मक दृष्टि से इस सत्र को समृद्ध करेंगे।
लेखक गाँव: अटल जी के स्वप्न का साकार रूप
देहरादून स्थित “लेखक गाँव” पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के स्वप्न का साकार रूप है, जिसे डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने अपने दृष्टिकोण और समर्पण से मूर्त किया है। यहाँ नालंदा पुस्तकालय, शोध केंद्र, सृजन कुटीरें और सांस्कृतिक सभागार भारतीय परंपरा और आधुनिक चिंतन का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं।
महोत्सव का उद्देश्य
डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने स्पष्ट किया कि महोत्सव का उद्देश्य भारतीय साहित्य, संस्कृति और कला की इस दिव्य ज्योति को विश्व के कोने-कोने तक पहुँचाना, हिंदी को विश्व पटल पर प्रतिष्ठित करना और नवोदित लेखकों को सृजन का सशक्त मंच प्रदान करना है। यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए सृजनशीलता, भारतीयता और आत्मगौरव की नई प्रेरणा प्रदान करेगा।


