Honouring Women power: उत्तराखंड के महिला सशक्तिकरण को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सराहा

Honouring Women power: उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी  मुर्मू की मौजूदगी ने खुशी और गर्मजोशी का माहौल बना दिया। यह अवसर राज्य की स्थापना की रजत जयंती के साथ-साथ एक दिन पहले भारतीय महिला क्रिकेट टीम के विश्व विजेता बनने की खुशी से भरा था।

उत्तराखंड में नारी सशक्तिकरण की सराहना

राष्ट्रपति द्रौपदी  मुर्मू ने अपने अभिभाषण में उत्तराखंड में नारी सशक्तिकरण के प्रयासों की खुले मन से सराहना की। उन्होंने राज्य सरकार के प्रयासों पर अपनी मुहर लगाई और महिला सशक्तिकरण (Women power) के विषय को प्रभावी ढंग से संबोधित किया। गुजरे 25 वर्षों की समीक्षा में यह विषय बेहद महत्वपूर्ण माना गया है, खासकर राज्य के निर्माण में आधी आबादी के योगदान को देखते हुए।

प्रमुख महिला विभूतियों का उल्लेख

राष्ट्रपति ने उत्तराखंड की महिला शक्ति का (Women power) सम्मान करते हुए विभिन्न पीढ़ियों की प्रमुख महिलाओं का उल्लेख किया:

  • पुरानी पीढ़ी: स्वर्गीय गौरा देवी और स्वर्गीय सुशीला बलूनी (उत्तराखंड आंदोलन में प्रमुख चेहरा)।
  • नई पीढ़ी: वंदना कटारिया
  • अन्य प्रमुख हस्तियाँ: बछेंद्री पाल और राधा भट्ट
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महिला शिक्षा और स्वास्थ्य पर चर्चा

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में राज्य में हुए महिला उत्थान (Women power) के विशिष्ट पहलुओं पर भी चर्चा की:

  • महिला शिक्षा के विस्तार की बात की।
  • मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के प्रयासों को प्रमुखता से उभारा।

प्रथम महिला स्पीकर पर गौरव

राष्ट्रपति ने उत्तराखंड विधानसभा की पहली महिला स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण की नियुक्ति पर विशेष टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इससे उत्तराखंड विधानसभा ने अपना गौरव बढ़ाया है। साथ ही, उन्होंने विधानसभा में महिला सदस्यों की संख्या में वृद्धि की अपेक्षा भी जाहिर की।

क्रिकेट विश्व विजेता बेटियों पर खुशी

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन की शुरुआत में बेटियों के विश्व विजेता बनने की बात कहकर उन्हें बधाई दी।
  • इस पर पूरे सदन के साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी ताली बजाकर अपनी खुशी जाहिर की।

समान नागरिक संहिता (UCC) का विशेष जिक्र

राष्ट्रपति द्रौपदी  मुर्मू ने अपने संबोधन में समान नागरिक संहिता (UCC) का खास तौर पर जिक्र किया।

  • उन्होंने समानता की मजबूत पैरवी करने वाले संविधान के अनुच्छेद-44 का उल्लेख करते हुए यूसीसी लागू किए जाने की चर्चा की।
  • उन्होंने यूसीसी कानून में योगदान करने पर सदस्यों की सराहना भी की।

Alka Tiwari

अलका तिवारी पिछले तकरीबन बीस वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ी हैं। इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ ही अलका तिवारी प्रिंट मीडिया में भी लंबा अनुभव रखती हैं। बदलते दौर में अलका अब डिजिटल मीडिया के साथ हैं और खबरदेवभूमि.कॉम में प्रमुख भूमिका निभाती हैं।

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