देहरादून: IMD ने जाते हुए मानसून को लेकर होने वाली बारिश को लेकर उत्तराखंड के लिए अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड में मानसून का अंतिम चरण सक्रिय बना हुआ है, जिसके चलते अगले सात दिनों तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक का दौर जारी रहेगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, 12 सितंबर, 2025 से 18 सितंबर, 2025 तक प्रदेश के कई जिलों में वर्षा होने की संभावना है, जिससे पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और सड़कों के अवरुद्ध होने का खतरा बना हुआ है।
इन प्रमुख जिलों में देखिये मौसम की स्थिति
- 12 से 14 सितंबर: देहरादून, पौड़ी और कुमाऊं मंडल के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक की संभावना है। राज्य के बाकी हिस्सों में भी कई जगहों पर बारिश हो सकती है।
- 15 सितंबर: देहरादून, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिलों में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक की संभावना है।
- 16 से 18 सितंबर: राज्य के कुछ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक की संभावना है।
IMD ने यात्रा और सुरक्षा के लिए दी सलाह
IMD ने इस दौरान लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और सड़कों के अवरुद्ध होने की संभावना को देखते हुए, यात्रियों को सावधानी बरतनी चाहिए। IMD ने स्थिति पर लगातार निगरानी रखने और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहने का आग्रह किया है।
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मानसून का अंतिम चरण
यह मौसम पूर्वानुमान राज्य में चल रहे मानसून के अंतिम चरण का संकेत देता है, जहां सितंबर के मध्य तक हल्की बारिश जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि, कुछ दिनों में बारिश की तीव्रता बढ़ सकती है, जिससे कुछ जिलों में जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
IMD द्वारा जारी अगले सात दिनों का ये है पूर्वानुमान
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, 12 से 14 सितंबर तक देहरादून, पौड़ी और कुमाऊं मंडल के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इसके बाद, 15 सितंबर को देहरादून, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और नैनीताल जैसे जिलों में बारिश की तीव्रता बढ़ सकती है, जहां तेज गरज-चमक के साथ वर्षा हो सकती है। 16 से 18 सितंबर के बीच भी राज्य के कुछ हिस्सों में छिटपुट बारिश का सिलसिला बना रहेगा।
यात्रियों के लिए विशेष चेतावनी
लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और चट्टानें गिरने का खतरा बढ़ गया है। कई स्थानों पर सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रशासन ने लोगों, खासकर चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्हें अनावश्यक यात्रा से बचने और मौसम की जानकारी के बिना यात्रा न करने की अपील की गई है। संबंधित विभागों को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
मानसून का प्रभाव और राहत कार्य
यह वर्षा राज्य में चल रहे मानसून के अंतिम चरण का हिस्सा है। पिछले कुछ हफ्तों में हुई भारी बारिश ने प्रदेश में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है, जिससे जान-माल का काफी नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री द्वारा हाल ही में घोषित 1200 करोड़ रुपये का राहत पैकेज इसी आपदा से निपटने के लिए है। यह अनुमान लगाया गया है कि बारिश के कारण बंद हुई 288 सड़कों में से अभी भी 187 मार्ग बंद हैं। ऐसे में, आगामी बारिश राहत और बचाव कार्यों में बाधा डाल सकती है, जिससे स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो सकती है।