ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेल परियोजना : उत्तराखंड में बनी देश की सबसे लंबी रेल सुरंग, इतिहास में दर्ज हुई तारीख

भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग का बुधवार को सफलतापूर्वक ब्रेकथ्रू हो गया है। ये सुरंग उत्तराखंड में ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत देवप्रयाग सौड से जानसु तक बनाई गई है। इस सुरंग के ब्रेकथू के मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे।

देश की लंबी रेल सुरंग का ब्रेक थू

उत्तराखंड के साथ ही पूरे भारत के रेल इतिहास के लिए 16 अप्रैल का दिन ऐतिहासिक रहा है। 16 अप्रैल को भारतीय रेल की सबसे लंबी रेल सुरंग का ब्रेक थू किया गया है। रेल विकास निगम लिमिटेड ने ये उपलब्धि हासिल की है। देवप्रयाग सौड से जानसु तक ये रेल सुरंग बन कर तैयार हो गई है।

मील का पत्थर साबित होगी ये सुरंग

केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सुरंग के सफल ब्रेकथ्रू पर खुशी जताते हुए कहा कि यह उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सभी रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों और श्रमिकों को बधाई दी। रेल मंत्री ने यह भी कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का कार्य तेजी से प्रगति कर रहा है और जल्द ही इस रेल लाइन पर संचालन शुरू होने की उम्मीद है। यह परियोजना राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों को रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि यह (देवप्रयाग सौड़ से जनासु तक) 14.57 किलोमीटर लंबी रेलवे सुरंग उत्तराखंड की ही नहीं बल्कि पूरे भारत में सबसे लंबी सुरंग है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की पहल पर यह पहली बार है जब देश के पहाड़ी इलाकों में रेल सुरंग बनाने के लिए टीबीएम तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।

ऐसी है देश की लंबी रेल सुरंग

यह रेल सुरंग उत्तराखंड की 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज रेल परियोजना से जुड़ी है। यह रेल परियोजना 105 किलोमीटर तक सुरंग के अंदर बनी है। इसमें ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक कुल 16 सुरंगे हैं। 9.11 मीटर व्यास वाली सिंगल-शील्ड रॉक टीबीएम के जरिए इस टनल का निर्माण किया गया है। ये सुरंग तकरीबन 14 किलोमीटर लंबी है और ये देवप्रयाग सौड को जानसु से कनेक्ट कर रही है।

ऐतिहासिक उपलब्धि पर सीएम ने दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सुरंग उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना राज्य के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में एक अहम भूमिका निभाएगी। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए आवागमन को सरल बनाएगी, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन, व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी एक नई गति देगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई दिशा और गति मिली है। देवप्रयाग-सोड़ से श्रीनगर जनासु तक की यह सुरंग तकनीकी दृष्टि से भी एक बड़ी उपलब्धि है और यह दिखाती है कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हम विकास के कार्यों को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना का सर्वे भी हो चुका है जल्द ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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