देहरादून। नस्लीय हमले का शिकार छात्र एंजल चकमा के परिजनों से सीएम धामी ने की बात, हत्या के आरोपियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन

देहरादून में पिछले दिनों हुई शर्मनाक और दुखद घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। देहरादून में रह कर पढ़ाई कर रहे त्रिपुरा के छात्र एंजल चकमा (Angel Chakma) को नस्ल भेदी टिप्पणी के बाद जान से मार डाला गया है। अब सीएम धामी ने मृतक छात्र के परिजनों से फोन पर बात कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

सीएम धामी ने की एंजल चकमा के परिजनों से बात

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को त्रिपुरा के छात्र एंजल चकमा के पिता से फोन पर बात की। इस दौरान सीएम धामी ने एंजल चकमा की मौत पर दुख व्यक्त किया। सीएम ने एंजल के पिता को ये भरोसा दिलाया कि इस हत्या के दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी। वहीं सीएम धामी ने ये भी बताया कि एंजल चकमा की हत्या के एक आरोपी के नेपाल भाग जाने की आशंका है। ऐसे में उत्तराखंड पुलिस हत्यारोपी को तलाश कर रही है और एक टीम नेपाल भी भेजी गई है।

मुख्य आरोपी है फरार, पांच हिरासत में

आपको बता दें कि एंजल चकमा पर नस्लीय टिप्पणी करने वाले और उसपर धारदार हथियार और अन्य सामानों से हमला करने वाले कुछ छह आरोपियों को पुलिस ने पहले ही पकड़ लिया है। वहीं इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी अभी पकड़ से बाहर है। मुख्य आरोपी के नेपाल भागने की भी आशंका ह। ऐसे में उसकी तलाश के लिए पुलिस की एक टीम नेपाल भी भेजी गई है। इसके साथ ही कई अन्य स्थानों पर भी छापेमारी की जा रही है।

कौन थे एंजल चकमा ? कैसे गई जान ?

एंजल चकमा त्रिपुरा के रहने वाले थे और देहरादून के सेलाकुुई इलाके में जिज्ञासा विश्वविद्यालय में एमबीएम कर रहे थे। उनका परिवार त्रिपुरा के उन्नकोटी जिले में रहता है। पिता बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स में हैं। बताते हैं कि 9 दिसंबर की शाम वो अपने भाई के साथ हास्टल से कुछ सामान लेने बाहर निकला था। इसी दौरान कुछ युवकों ने उसे 'चिंकी', 'चाइनीज' और 'मोमो' कहकर चिढ़ाना शुरू कर दिया। एंजल ने इसका विरोध किया तो युवकों ने उसपर धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस हमले में एंजल चकमा गंभीर रूप से घायल हो गया जबकि उसके भाई को भी चोटें आईं। एंजल को अस्पताल में एडमिट कराया गया जहां 17 दिनों के संघर्ष के बाद एंजल ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जबकि एक आरोपी फरार हो गया है।

'I am Indian, चाइनीज नहीं हूं मैं'

एंजल चकमा अपने लिए की गई नस्लीय टिप्पणी से बेहद नाराज हुआ। उसने ऐसा कर रहे छात्रों का विरोध किया और खुद को चीख-चीख कर भारतीय बताया रहा। एंजल खुद को चाइनीज पुकारे जाने से बेहद आहत हुआ था। यही वजह है कि वो बार बार खुद को इंडियन बताते हुए बचाव की कोशिश करता रहा। हालांकि हमलावरों ने उसकी एक न सुनी और हमला जारी रखा।

पूरे देश में गुस्सा, North East में प्रदर्शन

एंजल चकमा की मौत के बाद पूरे देश में नस्लीय हिंसा के खिलाफ उबाल है। देश की कई बड़ी हस्तियों ने इस हत्या पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि ऐसा नहीं होना चाहिए। वहीं त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में इस घटना के खिलाफ भारी आक्रोश है। स्थानीय संगठन रैलियां निकालकर चकमा के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। वहीं त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की। पुष्कर सिंह धामी ने पूरी जांच और न्याय का आश्वासन दिया। मणिक साहा ने कहा कि वह परिवार से मिलेंगे और हर मदद करेंगे। 

Alka Tiwari

अलका तिवारी पिछले तकरीबन बीस वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ी हैं। इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ ही अलका तिवारी प्रिंट मीडिया में भी लंबा अनुभव रखती हैं। बदलते दौर में अलका अब डिजिटल मीडिया के साथ हैं और खबरदेवभूमि.कॉम में प्रमुख भूमिका निभाती हैं।

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