Roorkee में एक अनोखे विरोध प्रदर्शन ने सोशल मीडिया पर सुर्खियाँ बटोरी हैं, जहाँ एक व्यक्ति ने सड़क के बीचों-बीच बने एक बड़े गड्ढे को “भ्रष्टाचार का रेस्टोरेंट” बताते हुए उस पर भाजपा के झंडे लगाकर विरोध दर्ज कराया है। यह घटना Roorkee के केएल डीएवी डिग्री कॉलेज मार्ग पर हुई, जहाँ सड़क के खराब होने और प्रशासन की लापरवाही को उजागर करने के लिए यह प्रतीकात्मक विरोध किया गया।
सड़क पर अनोखा प्रदर्शन: ‘भ्रष्टाचार का रेस्टोरेंट’
रुड़की के एक व्यक्ति ने सड़क के गड्ढे को लेकर एक रचनात्मक और व्यंग्यात्मक तरीका अपनाया। उन्होंने गड्ढे के बीच दो स्टूल और एक कैनोपी (अस्थायी छत) लगा दी। इस “रेस्टोरेंट” को और भी प्रतीकात्मक बनाने के लिए, उन्होंने इसके चारों ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के झंडे लगा दिए।
इसके बाद, वे वहीं बैठकर चाय-समोसे खाने लगे, मानो वे किसी रेस्टोरेंट में आराम फरमा रहे हों। इस अनोखे प्रदर्शन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोगों का ध्यान इस गंभीर समस्या की ओर खींचा। समाज सेवी दीपक लखवान का कहना है कि यह रेस्टोरेंट “करप्शन का रेस्टोरेंट” है, जो नेताओं और ठेकेदारों के बीच की मिलीभगत और कमीशनखोरी को दर्शाता है।
करोड़ों की लागत और कुछ ही महीनों में गड्ढे!
इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण Roorkee की उस सड़क की खराब गुणवत्ता है, जिसे कुछ ही महीनों पहले करोड़ों रुपये की लागत से बनाया गया था। दीपक लखवान ने बताया कि Roorkee की यह सड़क इतनी जल्दी कैसे धंस गई, यह इस बात का प्रमाण है कि निर्माण कार्य में भारी अनियमितताएँ हुई हैं। एक सड़क जो जनता के पैसों से बनाई गई थी, उसका इतनी जल्दी टूट जाना न सिर्फ पैसे की बर्बादी है, बल्कि यह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा है।
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Roorkee की इस सड़क के बीचो-बीच बना यह विशाल गड्ढा कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है, जिससे लोगों की जान जा सकती है। यह घटना स्थानीय लोगों के बीच गहरा रोष पैदा कर रही है, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके पैसे का दुरुपयोग किया गया है और उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
शिकायतों के बावजूद प्रशासन की चुप्पी
दीपक लखवान और अन्य स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस गड्ढे के बारे में Roorkee प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। उनकी शिकायतों को बार-बार नजरअंदाज किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अधिकारी इस मामले में आँखें मूंदे बैठे हैं। यह न सिर्फ अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वे जनता की समस्याओं के प्रति कितने उदासीन हैं। लखवान ने इसे “केवल लापरवाही नहीं, बल्कि नेताओं और ठेकेदारों की मिलीभगत का जीता-जागता सबूत” बताया है। उनका मानना है कि इस तरह के भ्रष्टाचार के कारण ही विकास परियोजनाएं विफल होती हैं और आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
जनता की सुरक्षा पर खतरा और विरोध का संदेश
Roorkee में यह विरोध प्रदर्शन केवल एक गड्ढे के बारे में नहीं है, बल्कि यह सार्वजनिक सुरक्षा, जवाबदेही और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक शक्तिशाली संदेश है। सड़क पर बना यह गड्ढा न सिर्फ पैदल चलने वालों और वाहन चालकों के लिए खतरा है, बल्कि यह व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार का प्रतीक भी बन गया है। दीपक लखवान का यह अनोखा तरीका लोगों को इस मुद्दे पर सोचने और सवाल उठाने के लिए प्रेरित कर रहा है।
यह विरोध दर्शाता है कि जब अधिकारी और नेता अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभाते हैं, तो जनता को खुद अपनी आवाज उठाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने से, अब यह मुद्दा स्थानीय स्तर से बढ़कर एक राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन गया है, जो शायद अधिकारियों को इस पर कार्रवाई करने के लिए मजबूर करेगा। यह घटना यह भी दिखाती है कि रचनात्मक और व्यंग्यात्मक विरोध कैसे एक गंभीर मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने का प्रभावी तरीका हो सकता है।