Digital gold : क्या आप भी करते हैं डिजिटल गोल्ड में निवेश, सेबी ने जारी कर दी ये बड़ी चेतावनी

नई दिल्ली, 10 नवंबर 2025: भारतीय बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि हाल के दिनों में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर तेजी से लोकप्रिय हो रहे digital gold या ई-गोल्ड उत्पाद से निवेश करने से पहले सावधानी बरतें। सेबी ने स्पष्ट किया है कि ऐसे डिजिटल गोल्ड उत्पाद उसके नियामक दायरे में नहीं आते, इसलिए इनमें निवेशक सुरक्षा से जुड़े प्रावधान लागू नहीं होते।

सेबी की चेतावनी क्या कहती है (SEBI warns on digital gold)

सेबी ने अपने हालिया बयान में कहा कि कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स “डिजिटल गोल्ड” को सोने में निवेश का आसान और आधुनिक तरीका बताकर प्रचारित कर रहे हैं, जबकि ये उत्पाद सेबी द्वारा नियंत्रित योजनाओं से पूरी तरह अलग हैं। नियामक ने कहा कि digital gold न तो सिक्योरिटी (security) के रूप में अधिसूचित है और न ही यह कमॉडिटी डेरिवेटिव (commodity derivative) की श्रेणी में आता है। इसलिए, यह सेबी के नियामक ढांचे से बाहर है।

निवेशकों के लिए जोखिम भरा सौदा

सेबी ने चेतावनी दी कि इन डिजिटल गोल्ड उत्पादों में निवेश करने से निवेशकों को काउंटरपार्टी जोखिम और संचालन संबंधी जोखिम का सामना करना पड़ सकता है।
चूंकि ये उत्पाद अनियमित (unregulated) हैं, इसलिए अगर किसी प्लेटफॉर्म के संचालन में गड़बड़ी या धोखाधड़ी होती है, तो निवेशकों को नुकसान की भरपाई का कोई निश्चित रास्ता नहीं रहेगा।

Digital Gold क्या है? What is digital gold ?

डिजिटल गोल्ड एक ऐसी ऑनलाइन सुविधा है, जिसमें निवेशक सोने को डिजिटल रूप में खरीदते हैं, लेकिन वह सोना वास्तव में कंपनी द्वारा सुरक्षित वॉल्ट्स में रखा जाता है।
निवेशक चाहें तो बाद में इसे ज्वेलरी या गोल्ड कॉइन के रूप में रिडीम कर सकते हैं।
आजकल यह सुविधा PhonePe, Google Pay, Paytm, SafeGold, CaratLane, Tanishq और MMTC-PAMP जैसे प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है।

सेबी के नियामक विकल्प

सेबी ने कहा कि अगर निवेशक सोने में निवेश करना चाहते हैं, तो वे सेबी-नियंत्रित साधनों के जरिए ऐसा कर सकते हैं, जैसे:

Gold ETFs (गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स)

कमॉडिटी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स

Electronic Gold Receipts (EGRs)

इन उत्पादों में निवेश पंजीकृत बिचौलियों (registered intermediaries) के माध्यम से किया जा सकता है और ये सभी सेबी के नियामक ढांचे के तहत आते हैं।

टैक्स और अन्य बातें

डिजिटल गोल्ड पर खरीदते समय GST देना होता है।
बेचने पर निवेशक को कैपिटल गेन टैक्स या शॉर्ट-टर्म गेन टैक्स भी देना पड़ सकता है।
इसके विपरीत, सेबी-नियंत्रित गोल्ड निवेश उत्पादों में कर और सुरक्षा दोनों के मामले में स्पष्ट दिशा-निर्देश तय हैं।

सेबी की चेतावनी निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है कि digital gold में निवेश करते समय सतर्कता बेहद जरूरी है।
जहां डिजिटल गोल्ड ऑनलाइन और आसान विकल्प के रूप में दिखता है, वहीं इसमें नियमन की कमी बड़े जोखिम का कारण बन सकती है।
जो निवेशक सोने में दीर्घकालिक और सुरक्षित निवेश चाहते हैं, उनके लिए Gold ETFs और EGRs जैसे रेगुलेटेड विकल्प बेहतर माने जा रहे हैं।

Alka Tiwari

अलका तिवारी पिछले तकरीबन बीस वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ी हैं। इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ ही अलका तिवारी प्रिंट मीडिया में भी लंबा अनुभव रखती हैं। बदलते दौर में अलका अब डिजिटल मीडिया के साथ हैं और खबरदेवभूमि.कॉम में प्रमुख भूमिका निभाती हैं।

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