प्रयागराज के दूसरे अमृत स्नान मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ में भारी भीड़ उमड़ी, जिससे भगदड़ मच गई। इस घटना में दर्जनों श्रद्धालु घायल हो गए और कई परिवार एक-दूसरे से बिछड़ गए। घटना में कई लोगों की मौत की खबर है। हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है। पुलिस और प्रशासन ने तुरंत हालात संभालने की कोशिश की, लेकिन भीड़ का दबाव इतना ज्यादा था कि लोगों को संभालना मुश्किल हो गया।
10 से अधिक की मौत की आशंका
महाकुंभ में भगदड़ से कितनी मौतें हुईं हैं इसे लेकर आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है लेकिन माना जा रहा है कि 10 से अधिक लोगों की मौत हुई है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, भगदड़ में 14 लोगों की मौत खबर सामने आ रही है। हालांकि, अभी तक अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मौनी अमावस्या के दिन संगम में 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र स्नान करने पहुंचे। त्रिवेणी संगम पर स्नान के दौरान अचानक भीड़ अनियंत्रित हो गई, जिससे श्रद्धालुओं के बीच अफरा-तफरी मच गई। इस भगदड़ में कई लोग घायल हो गए, जबकि कुछ अपने परिवार से बिछड़ गए।
अखाड़ों का शाही स्नान रद्द
इस अप्रिय घटना के बाद अखाड़ा परिषद ने मौनी अमावस्या पर होने वाले ‘अमृत (शाही) स्नान’ में भाग न लेने का फैसला किया है। प्रशासन लगातार श्रद्धालुओं से अपील कर रहा है कि स्नान के बाद जल्द से जल्द घाटों को खाली करें ताकि भीड़ नियंत्रित की जा सके।
महाकुंभ में क्या हुआ ?
कर्नाटक से आईं श्रद्धालु सरोजिनी ने बताया कि वे 60 लोगों के एक समूह के साथ आई थीं। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि धक्का-मुक्की शुरू हो गई और उनका समूह फंस गया। उन्होंने बताया कि कई लोग गिर पड़े, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। हालांकि, प्रशासन ने अभी तक घायलों की सही संख्या की पुष्टि नहीं की है, लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार 30 से 40 लोग घायल हुए हैं। प्रशासन ने किए कड़े इंतजाम, फिर भी क्यों हुई भगदड़? उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही भीड़ नियंत्रण के लिए कड़े नियम लागू किए थे। नो-व्हीकल ज़ोन और सेक्टर-वार प्रतिबंध लगाए गए थे, ताकि श्रद्धालुओं की आवाजाही सुचारू रूप से हो। लेकिन उम्मीद से ज्यादा लोगों के आने और श्रद्धालुओं की अधीरता के कारण यह स्थिति बन गई।