उत्तराखंड में भूकंप, एक महीने में पांच बार हिली धरती, किसी बड़े खतरे की आहट तो नहीं ?

उत्तराखंड में भूकंप कोई नई बात नहीं है। यूं तो पूरा उत्तराखंड ही भूकंप की द्ष्टि से बेहद संवेदनशील है लेकिन कुछ ऐसे इलाके हैं जहां भूकंप आने की आशंका अधिक है। इन्हीं में से एक है उत्तरकाशी। उत्तरकाशी में पिछले कुछ दिनों से लगातार आ रहे भूकंप ने लोगों को दहशत में डाल दिया है। उत्तरकाशी इसके पहले भी भूकंप की विभीषिका झेल चुका है।

एक महीने में पांच बार आए भूकंप

उत्तरकाशी पिछले कुछ दिनों से भूकंप की गतिविधियों को महसूस कर रहा है। यहां लगातार भूकंप आ रहे हैं। बुधवार की दोपहर में भी उत्तरकाशी में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। दोपहर 3.28 बजे आए इस भूकंप की रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 2.7 आंकी गई है। इसका केंद्र भटवाड़ी तहसील के साल्ड उपरिकोट गांव में जमीन में पांच किलोमीटर नीचे था।

उत्तरकाशी में पिछले हफ्ते भी भूकंप आया था जिसके चलते लोगों में दहशत फैल गई थी। सुबह आए इस भूकंप के कई आफ्टर शॉक भी महसूस किए गए थे। लोग घरों से बाहर निकल आए थे।

वैसे उत्तराखंड में पिछले एक महीने में पांच बार भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए हैं। उत्तरकाशी के साथ साथ बागेश्वर में भी भूकंप ने लोगों को डरा दिया था।

वहीं राज्य में पिछले महीने भी कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी के मुताबिक राज्य में दिसंबर में भी उत्तराखंड में पांच भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।

क्यों आ रहे हैं बार-बार उत्तराखंड में भूकंप

सवाल उठता है कि आखिर उत्तराखंड में बार बार भूकंप क्यों आ रहे हैं ? दरअसल उत्तराखंड का बड़ा हिस्सा पृथ्वी की फॉल्ट लाइन पर बसा हुआ है। यही वजह है कि यहां बड़े भूकंप आने की आशंका हमेशा बनी रहती है। इसे देखते हुए उत्तराखंड को भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील जोन, जोन चार और पांच में रखा गया है। पृथ्वी की प्लेट्स में हो रही टकराहट से बार बार भूकंप महसूस किए जा रहे हैं।

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भारत का सिस्मिक जोन का नक्शा

उत्तरकाशी में 1991 में आया था भीषण भूकंप

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 1991 में भीषण भूकंप आया था। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.6 आंकी गई थी। इस भीषण भूकंप में हजारों लोग मारे गए थे।

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Alka Tiwari

अलका तिवारी पिछले तकरीबन बीस वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ी हैं। इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ ही अलका तिवारी प्रिंट मीडिया में भी लंबा अनुभव रखती हैं। बदलते दौर में अलका अब डिजिटल मीडिया के साथ हैं और खबरदेवभूमि.कॉम में प्रमुख भूमिका निभाती हैं।

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