उत्तराखंड में द्वीतीय केदार मद्महेश्वर मंदिर के कपाट खुले, ऐसे कर सकते हैं आप भी दर्शन

पंचकेदारों में प्रतिष्ठित द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर मंदिर के कपाट बुधवार 21 मई को शुभ मुहूर्त में पूरे विधि- विधान के साथ ऊं नम् शिवाय के उदघोष के साथ खुल गये हैं। इस अवसर पर तीन सौ से अधिक तीर्थयात्री तथा स्थानीय श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने। कपाट खुलने के अवसर पर मंदिर को फूलों से सजाया गया था।

चल विग्रह डोली मंदिर पहुंची

कपाट खुलने की प्रक्रिया के अंतर्गत साढे दस बजे से द्वार पूजा शुरू हो गयी थी इस दौरान भगवान मद्महेश्वर जी की चल विग्रह डोली मंदिर प्रांगण में पहुंच गयी थी।

पूजा-अर्चना तथा विधि विधान पूर्वक साढे ग्यारह बजे पूर्वाह्न को श्री मद्महेश्वर जी के कपाट तीर्थयात्रियों हेतु दर्शनार्थ खोले गये कपाट खोलने  के बाद पुजारी शिवलिंग स्वामी ने भगवान मद्महेश्वर जी के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से श्रृंगार रूप दिया इसके साथ पहले  श्रद्धालुओं ने निर्वाण दर्शन तथा तत्पश्चात श्रृंगार दर्शन किये।  इससे पहले भगवान मद्महेश्वर जी की चल विग्रह डोली ने भंडार एवं बर्तनों का निरीक्षण किया।कपाट खुलने के अवसर पर श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति ने यात्रा तैयारियां की है।

BKTC अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने दी शुभकामनाएं

श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने  द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट खुलने पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है  आशा जताई कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान मद्महेश्वर जी के दर्शन को पहुंचेंगे।

बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती एवं विजय कपरवाण सहित बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने श्री मद्महेश्वर मंदिर  के कपाट खुलने पर प्रसन्नता जताई है।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी  डा. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री मद्महेश्वर जी की चल विग्रह डोली बीते  रविवार 18 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में विराजमान हो गयी थी। सोमवार 19 मई को   चल विग्रह डोली प्रथम पड़ाव राकेश्वरी मंदिर रांसी प्रवास को पहुंची।  मंगलवार 20 मई द्वितीय पड़ाव गौंडार प्रवास किया तथा आज   बुद्धवार 21  मई सुबह  को श्री मद्महेश्वर मंदिर पहुंची। बुधवार 21 मई को कर्क लग्न में पूर्वाह्न 11.30 बजे  द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट खुल गये है।

मद्महेश्वर कैसे पहुंचे ? How to reach Madmaheshwar ?

मद्महेश्वर मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में आता है। मद्महेश्वर पहुंचने के लिए आपको ऊखीमठ पहुंचना होगा। ऊखीमठ का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है जो यहां से 181 किलोमीटर की दूरी पर है। आप ऋषिकेश से बस या कार के जरिए ऊखीमठ पहुंच सकते हैं। यहां से आप वाहन से रांसी गांव तक पहुंच सकते हैं। रांसी गांव के बाद पैदल ट्रैक करना होता है। तकरीबन 16 किलोमीटर का पैदल ट्रैक करके आप मद्महेश्वर मंदिर तक पहुंच सकते हैं। पैदल ट्रैक में बंटोली तक चलना आसान रहेगा लेकिन बंटोली से आगे आपको खड़ी चढ़ाई का सामना करना होता है।

मद्हेशवर कब जाएं, कहां रुकें ?

मद्महेश्वर मंदिर जाने के लिए आपको मई से सितंबर तक समय सही माना जाता है। हालांकि मद्महेश्वर जाने से पहले मौसम के बारे में पता कर लेने की सलाह दी जाती है। इस मंदिर के आसपास सीमित संख्या में ही रुकने की व्यवस्था है। कई लोग कैंपिंग भी करते हैं।

पंच केदार में से एक है मद्महेश्वर

मद्महेश्वर मंदिर भगवान शंकर को समर्पित है। ये मंदिर उत्तराखंड में स्थित पंच केदारों में से एक है। अन्य चार केदारों में केदारनाथ, रुद्रनाथ, तुंगनाथ और कल्पेश्वर हैं।

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