चमोली, उत्तराखंड: उत्तराखंड के चमोली ज़िले में कुदरत का कहर जारी है। बुधवार देर रात नंदानगर विकासखंड में बादल फटने से भारी तबाही मची। इस आपदा में अब तक 10 लोगों के लापता होने की खबर है, जबकि एक शव बरामद हुआ है। पुलिस-प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव और राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।
रात में घरों पर कहर बनकर गिरा मलबा
रात करीब 1 बजे फाली लगा कुंतरी, सैंती लगा कुंतरी, धुर्मा और सेरा गांवों में भारी बारिश और बिजली गिरने के बाद लोगों के घरों पर मलबा आ गया। सबसे ज़्यादा प्रभावित गांव कुंतरी लगा फाली है, जहाँ से 8 लोग लापता हैं और 15-20 घर और गौशालाएं पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। रात के अंधेरे में जब मलबा घरों में घुसा, तो लोग अपनी जान बचाने के लिए घरों से बाहर भागे। पुलिस और डीडीआरएफ की टीमों ने मलबे से दो महिलाओं और एक बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला।
लापता लोगों के नाम
इस आपदा में अब तक 10 लोगों के लापता होने की सूचना है। इनमें से 8 लोग कुंतरी लगा फाली गांव के हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं:
- कुंवर सिंह (42 वर्ष)
- कांता देवी (38 वर्ष)
- विकास (10 वर्ष)
- विशाल (10 वर्ष)
- नरेंद्र सिंह (40 वर्ष)
- जगदंबा प्रसाद (70 वर्ष)
- भागा देवी (65 वर्ष)
- देवेश्वरी देवी (65 वर्ष)
इसके अलावा, धुरमा गांव से दो लोग लापता हैं:
- गुमान सिंह (75 वर्ष)
- ममता देवी (38 वर्ष)
सड़कें और पुल भी बहे, संपर्क टूटा
भारी बारिश के कारण कई जगह सड़कें बंद हो गई हैं और गांवों का संपर्क कट गया है। मोक्ष गाड़ गदेरा में उफान आने से सेरा गांव के कई मकान बह गए। नंदप्रयाग-नंदानगर मोटर पुल भी खतरे की जद में आ गया है। इसके अलावा, पेट्रोल पंप और पुराने बाजार को जोड़ने वाला पुल भी बह गया है। थराली क्षेत्र और सोल घाटी के आसपास के गांवों में भी जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बचाव कार्य जारी
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। बचाव कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। मेडिकल टीमें और एंबुलेंस भी प्रभावित क्षेत्रों में भेज दी गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस घटना पर दुख जताते हुए ट्वीट किया है कि वह स्वयं स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और स्थानीय प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है।