देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने शनिवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर आयोजित ‘बालिका शिक्षा प्रोत्साहन कार्यक्रम’ में भाग लिया।बता दं कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मेधावी बालिकाओं को पुरस्कृत और प्रोत्साहित किया गया।
326 मेधावी बालिकाओं को मिले स्मार्टफोन
कार्यक्रम के दौरान 326 मेधावी बालिकाओं को स्मार्टफोन प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद स्तर पर हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा की प्रथम तीन टॉपर बालिकाओं और विकासखण्ड स्तर पर टॉपर बालिकाओं को भी पुरस्कृत किया। यह पहल बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने और उन्हें डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बोर्ड परीक्षाओं में बालिकाओं का शानदार प्रदर्शन
मुख्यमंत्री ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए बोर्ड परीक्षाओं में बालिकाओं के अद्भुत प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने आँकड़े साझा करते हुए बताया:
- हाईस्कूल परीक्षा: कुल 90 प्रतिशत विद्यार्थी सफल हुए, जिसमें बालिकाओं का सफलता प्रतिशत 93 प्रतिशत से अधिक रहा।
- इंटरमीडिएट परीक्षा: कुल 83 प्रतिशत विद्यार्थी सफल रहे, जिनमें बालिकाओं का सफलता प्रतिशत 86 प्रतिशत से अधिक रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सफलता बालिकाओं के परिश्रम, प्रतिभा और संकल्प का परिणाम है।
नारी शक्ति राज्य के विकास का आधार: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समाज की तरक्की नारी शक्ति से होती है और यदि किसी राज्य की नारी शक्ति प्रगति कर रही है, तो उस राज्य के विकास को कोई भी ताकत नहीं रोक सकती। उन्होंने जोर देकर कहा कि बेटियों के शिक्षित होने से आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी संवरता है।
महिला सशक्तिकरण हेतु राज्य सरकार की प्रमुख योजनाएँ
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से राज्य सरकार ने नारी शक्ति के उत्थान हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
- सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को प्रदान किया गया।
- मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, नंदा गौरा योजना जैसी योजनाएँ प्रारम्भ की गई हैं।
- महिला छात्रावास का निर्माण, मुफ्त साइकिल योजना और ‘बालिका शिक्षा प्रोत्साहन कार्यक्रम’ जैसी पहलें बालिकाओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन योजनाओं से प्रदेश की बेटियाँ सरकारी सेवाओं में चयनित हो रही हैं, और स्वयं सहायता समूहों, स्टार्टअप्स और लघु उद्योगों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही हैं।
केंद्र सरकार की पहलें और नकल-विरोधी कानून
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, बालिका समृद्धि योजना, नारी शक्ति वंदन अधिनियम, उज्ज्वला योजना, लखपति दीदी योजना जैसी पहलों का भी उल्लेख किया।
सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही प्रदेश की बेटियों के सपनों को साकार करने के लिए, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में देश का सबसे कठोर नकल-विरोधी कानून लागू किया गया है। इसके परिणामस्वरूप, पिछले 4 वर्षों में लगभग 25 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी पाने में सफलता प्राप्त हुई है।
लिंगानुपात में सुधार: रेखा आर्या
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से महिला सशक्तिकरण की दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। उन्होंने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस अभियान के बाद राज्य में बेटियों के लिंगानुपात में भी सुधार हुआ है, जो इस दिशा में हो रहे कार्यों की सफलता को दर्शाता है।