उत्तराखंड में लोनी अर्बन कोऑपरेटिव सोसाइटी में हुए घोटाले ( LUCC Scam ) को लेकर सहकारिता विभाग ने बड़ा बयान दिया है। सहकारिता विभाग ने कहा है कि लोनी अर्बन कोऑपरेटिव सोसाइटी ( LUCC ) का सहकारिता विभाग में कोई पंजीकरण नहीं है। विभाग ने कहा है कि लोनी अर्बन कोऑपरेटिव सोसाइटी ( LUCC ) को लेकर अगर सहकारिता विभाग पर कोई आरोप लगाए जाएंगे तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सहकारिता विभाग की छवि बिगड़ने नहीं देंगे
अपर निबंधक सहकारिता ईरा उप्रेती ने कहा है कि कुछ शरारती तत्वों के द्वारा गलत तथ्यों को आधार बनाकर सोशल मीडिया पर सहकारिता विभाग की छवि को धूमिल किया जा रहा है। यही नहीं सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत की छवि बिगाड़ने का भी कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।
ईरा उप्रेती उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जिस लोनी अर्बन कोऑपरेटिव सोसाइटी ( LUCC ) की बात की जा रही है, उसका सहकारिता विभाग से कोई लेना-देना नहीं और न ही यह सोसाइटी सहकारिता विभाग में पंजीकृत है। सिर्फ और सिर्फ अफवाह फैला कर विभाग की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि सरासर गलत है।
सहकारिता विभाग कराएगा मुकदमा
अपर निबंधक श्रीमती ईरा उप्रेती ने कहा कि फेसबुक, व्हट्सएप एवं अन्य सोशल मीडिया माध्यमों के द्वारा विभाग की प्रतिष्ठा धूमिल करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत ऐसे मामलों में तीन वर्ष की कैद का प्रावधान है, साथ ही मानहानि का मामला अलग से बनता है। उन्होंने कहा कि आईटी एक्ट के अनुसार किसी भी इलेक्ट्रानिक माध्यम का प्रयोग किसी व्यक्ति के खिलाफ दुष्प्रचार करने, मिथ्या आरोप लगाने, अनर्गल टिप्पणी करने, प्रतिष्ठा गिराने, छींटाकशी करने या किसी की प्रतिष्ठा पर कीचड़ उछालने के लिए किया जाता है तो आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई एवं कारावास का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इन मामलों में आईटी एक्ट के अलावा मानहानि के आधार पर भी आरोपी के खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है।