हरिद्वार कुंभ की तैयारियां शुरू, मुख्य सचिव पहुंचे, अधिकारियों और संतों के साथ बैठक

साल 2027 में हरिद्वार कुंभ की तैयारियां शुरू हो गईं हैं। राज्य के मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने हरिद्वार में अधिकारियों और संतों के साथ बैठक की है।

हरिद्वार के लिए बनेंगी खास योजनाएं

मुख्य सचिव आनन्द बर्धन ने हरिद्वार में आगामी कुंभ-2027 के मेले को लेकर मेला अधिकारी कर्मेन्द्र सिंह से मायापुर स्थित कैंप कार्यालय में विचार विमर्श किया। उन्होंने जिलाधिकारी एवं जनपदीय अधिकारियों को आगामी कुंभ-2027 की तैयारियों के संबंध में निर्देश दिए कि शासन स्तर पर भी आगामी सात-आठ दिनों में बैठक की जाएगी जिसमें कुंभ- 2027 में सरकार द्वारा सुचारू व्यवस्था की जाएगी, साधु संतों और महात्माओं को साथ में लेकर और उनके मार्गदर्शन व विचार विमर्श कर आगे की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। आगामी कुंभ-2027 को लेकर हमारी योजनाएं गतिशील है जो भी योजनाएं बनेगी वह हरिद्वार शहर कुंभ नगरी के हित में होगी।

आवश्यकताओं को पूरा करने की होगी कोशिश

मुख्य सचिव ने चार धाम यात्रा को लेकर अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा व्यवस्थाएं सुचारू करने की तैयारी शुरू हो चुकी है, जिला प्रशासन के स्तर और शासन के स्तर पर भी जहां-जहां जो आवश्यकताए है, वह पूरी की जा रही है| रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी चालू हो चुकी है। सभी हितधारकों के साथ भी विचार विमर्श शुरू हो चुका है और जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा मौके पर निरीक्षण किया जा रहा है। चारों धाम पर जहां-जहां उनके यात्रा मार्ग पर जो आवश्यकता होगी वो पूरी करने की कोशिश की जाएगी।

संत – महात्माओं से चर्चा के बाद बनेगी योजनाएं

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि 2027 में होने वाले कुंभ को लेकर सभी योजनाओं की रूपरेखा बनाई जा रही है और समस्त योजनाएं हरिद्वार के हित में होंगी। गौरतलब है कि मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन पूर्व में हरिद्वार जनपद के जिलाधिकारी/ उपाध्यक्ष HRDA, और वर्ष 2010 में हुए कुंभ के मेलाधिकारी भी रहे हैं। हरिद्वार में पत्रकारों से अनौपचारिक संवाद के दौरान सीएस ने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर शासन स्तर से कई अधिकारी फील्ड में गए हुए हैं और ग्राउंड जीरो पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो। मीडिया द्वारा पूर्ण कुंभ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पूर्ण कुंभ के लिए साधु- संत और महात्मा लोगों से विचार विमर्श के बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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